पहली बार एक निजी कंपनी ने चाँद कि सतह पर अपना मून लैंडर उतार कर इतिहास रच दिया है.इंटूइटिव मशीन नाम कि ह्यूस्टन की ये कंपनी पहली निजी कंपनी बन गई है जिसने सफलतापूर्वक चांद पर अपना लैंडर उतारा है. कंपनी ने ओडेसियस नाम का अपना मून लैंडर चांद के दक्षिणी ध्रुव की तरफ़ उतारा है.
लैंडर को उतारते वक़्त कंट्रोलर्स का उसके साथ संपर्क कुछ देर के लिए टूट गया था लेकिन कुछ पल बाद जल्द ही लैंडर से सिंग्नल मिलने लगा, फ्लाइट डायरेक्टर टीम क्रेन ने पृष्ठी हुए कहा हम बिना शक के ये कह सकते है कि हमारा उपकरण चाँद कि सतह पर उतर गया है,और वहाँ से हमें सिग्नल भेज रहा है.
वही कंपनी के सीईओ स्टीव आल्टोमस ने अपने टीम से कहा चाँद पर सवागत है,ओडेसियस को अपना घर मिल गया है. ओडेसियसको पिछले सप्ताह फ्लोरिडा के लॉन्च स्टेशन से छोड़ा गया था, ये यान 3 लाख 84 हज़ार km दुरी तय कर चाँद तक पंहुचा है.
जिस वक़्त मून लैंडर कि चाँद कि सतह पर पहुंचने कि खबर आई कंपनी के कर्मचारी ख़ुशी से तालिया बजाने लगे, ये केवल कंपनी और कमर्शियल इस्तेमाल के लिहाज़ से नहीं बल्कि अमेरिकी स्पेस कार्यक्रम के लिए भी महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है.
1972 में अपोलो मिशन के बाद से अमेरिका ने चाँद पर अपना मिशन नहीं भेजा था, करीब पांच दशक बाद पहली बार इंटूइटिव मशीन ने ये रिकॉर्ड तोड़ कर अपना ओडेसियस लैंडर चाँद पर उतार दिया है.अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने ओडेसियस लैंडर के जरिये अपने 6 वैज्ञानिक उपकरण चांद पर भेजे हैं, नासा के एडमिनिस्ट्रेटिव बिल नेलसन ने कंपनी को मुबारकबाद दी है और इसे एक बड़ी जीत कहा है.
उन्होंने कहा चांद पर अमेरिका की वापसी हो गई है आज मानव इतिहास में पहली बार एक कमर्शियल कंपनी एक अमेरिकी कंपनी ने चांद पर अपना सफर पूरा किया है आज का यह दिन दिखता है कि नासा का कमर्शियल पार्टनरशिप इतनी दमदार और महत्वाकांक्षी है, लैंडिंग से ठीक पहले कंट्रोलर के साथ एक मुसीबत आ गई जिससे इस मिशन का नाकाम होने का खतरा मंडराने लगा था.
चांद के सात से ओडिसियस की दूरी की गति का आकलन करने वाले जो लेजर लगे थे वह ठीक तरह से काम नहीं कर रहे थे इससे मिशन को सफलता होने का असमंजस होने लगा लेकिन अच्छी बात यह रहीbनासा के भेजें कुछ एक्सपेरिमेंट लेजर भी थे और वैज्ञानिकों ने इसका लाभ उठाते हुए इन्हें नेविगेशन के साथ जोड़ दिया GMT समय अनुसार 23:23 मिनट के दौरान चांद की सतह को छुआ पहले तो इसमें रखे रोबोट से वैज्ञानिकों को सिग्नल ही नहीं मिला कुछ देर बाद यान से संपर्क फिर स्थापित हुआ हालांकि ये कमजोर सिग्नल था इस कारण लैंडर की स्थिति को लेकर कुछ वक्त तक असमंजस की स्थिति बनी रही लेकिन कुछ घंटे के भीतर ही इंटूइटिव मशीन ने बताया कि ओडिसियस चांद की सतह पर है और वहां से डाटा भेज रहा है.