CAA कानून : क्या चुनाव से पहले CAA लागू होगा ?

CAA कानून : क्या चुनाव से पहले CAA लागू होगा ?

CAA कानून : क्या चुनाव से पहले CAA लागू होगा ?

 सरकार एक बड़ा कदम उठा सकती है, सूत्रों के मुताबिक मोदी सरकार मार्च के पहले हफ्ते में CAA लागू कर सकती है मतलब चुनाव के ऐलान से कुछ दिन पहले ही CAA कानून पूरे देश में लागू हो सकता है.

 सवाल है कि क्या इस दाँव से चुनाव में 400 पर जा पाएगी बीजेपी?

CAA दाँव से 400 पार चुनावी ऐलान से पहले CAA आएगा? साढ़े चार साल से अटका नागरिकता संशोधन कानून बहुत जल्द अमल में आ सकता है. लोकसभा चुनाव की तारीख के ऐलान से पहले कभी भी देश भर में CAA लागू हो सकता है.सूत्रों के मुताबिक नागरिकता संशोधन कानून अधिनियम 2019 के मुताबिक मार्च के पहले हफ्ते में ही लागू हो सकते हैं. 2019 में ही संसद के दोनों सदनों में CAA का कानून पास हो चुका है, लेकिन उसे वक्त देश के कुछ हिस्सों में CAA के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए थे.
 दिल्ली में तो शाहीन बाग में प्रदर्शन बहुत जोर सोर से था, दिल्ली के शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों ने लगभग 100 दिनों से ज्यादा दिन तक प्रदर्शन किया था.इसके बाद सरकार को CAA कानून को टालना पड़ा था.अब करीब साढ़े चार साल बाद सरकार CAA कानून के नियम लागू करने की तैयारी में है.

 नागरिकता संशोधन कानून आखिर है क्या और इससे क्या होगा?

CAA कानून 2019 – पाकिस्तान अफगानिस्तान बांग्लादेश के उन अल्पसंख्यकों की भारतीय नागरिकता का दरवाजा खुलेगा जो लंबे समय से भारत में रह रहे हैं. इस कानून से इन देशों के 6 गैर मुस्लिम प्रवासियों को भारत सरकार नागरिकता देगी. इनमें जो गैर मुस्लिम अल्पसंख्यक हैं उनमें हिंदू सिख बौद्ध पारसी और ईसाई धर्म के नागरिकों को भारत सरकार नागरिकत देना चाहती है.
 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए प्रवासियों के लिए ये कानून होगा.सरकार ने मार्च के पहले हफ्ते में CAA कानून की पूरी तैयारी कर रही है.सूत्रों से खबर है,सरकार ने CAA को लेकर पोर्टल तैयार कर लिया है.नागरिकता के लिए आवेदन करने और नागरिकता देने की प्रक्रिया ऑनलाइन होगी.आवेदन करने वालों को वह साल बताना होगा, जब उन्होंने दस्तावेजों के बिना भारत में प्रवेश किया था. सूत्रों के अनुसार आवेदन करने वालों से कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा. श्री मंत्रालय आवेदन की जांच कर नागरिकता जारी कर देगा.
 चुनाव से पहले CAA लागू करने का संकेत गृह मंत्री अमित शाहपहले ही दे चुके हैं. विपक्षी दल CAA के खिलाफ पहले से ही माहौल बना रहे हैं.
 मीडिया वालों से बातचीत के दौरान हैदराबाद से सांसद बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी CAA कानून को लेकर कहा – यह गलत कानून है, भारत के आइन के खिलाफ है,मजहब की बुनियाद पर बनाया गया है. हम हरगिज कभी खिलाफ नहीं थे चाहे हिंदू सिख बौद्ध पारसी और ईसाई धर्म के लोग जो पाकिस्तान में रहते हैं अफगानिस्तान में रहते हैं बांग्लादेश में रहते हैं वह आ सकते हैं हमारे वतन भारत में और लॉन्ग टर्म वीजा दें कर एक प्रोसेस हैं उस प्रोसेस के तहत उनको भारत कि नागरिकता दे सकते हैं. लेकिन यह कानून बनाया गया कि इसका मकसद सिर्फ यह है मुसलमानों को दलितों को गरीबों को उनको दूर रखा जाए.
CAA कानून को भाजपा सरकार पूरा करना चाहती है और उसे पूरा करने के लिए गिनती कहीं कुछ दिन बचे हैं क्योंकि अगले 15 दिनों के अंदर कभी भी चावन का ऐलान इलेक्शन कमीशन कर सकता है.

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