अग्नि 5- भारत के एक मिसाइल से ना बचेगा चीन और ना पाकिस्तान…
भारत ने अपने सैन्य शक्ति में बड़ा इजाफा करते हुए, लम्बी दुरी कि मिसाइल अग्नि 5 का सफल परीक्षण कर लिया हैं. आपको बताएं कि भारत ने 11 से 16 मार्च के बीच में लंबी दूरी मिसाइल की परीक्षण का ऐलान किया था. चीन ने भारत के मिसाइल टेस्ट पर नज़रें गड़ा ली और अपने जासूसी जहाज को बंगाल की खाड़ी में तैनात कर दिया.
2022 में जब इस मिसाइल का परीक्षण किया गया था, तब यह 5500 किलोमीटर दूर जाकर अपने टारगेट को बड़ी ही आसानी से सटीकता से अंजाम दिया था. चीन और पाकिस्तान में इस मिसाइल को लेकर डर इसलिए भी है, क्योंकि पूरा चीन और पाकिस्तान इसके जद में आते हैं.
अग्नि 5 का वजन 50000 किलोग्राम है, MIRB तकनीक यानि मिसाइल की नाक पर 2 से 10 हथियार लगा सकते हैं. यानी एक ही मिसाइल एक साथ कई सौ किलोमीटर में फैले अलग अलग 2 से 10 टारगेट पर सटीकता से निशान लगा सकता है. इसके ऊपर 1500 किलोग्राम तक का परमाणु हथियार लगा सकते हैं. इस मिसाइल के तीन स्टेज के रॉकेट बूस्टर हैं, जो सॉलि़ड फ्यूल से उड़ते हैं. इसकी गति साउंड की स्पीड से 24 गुना ज्यादा हैं. यानि 1 सेकेंड में 8.16 km दुरी तक तय कर सकती हैं.
अग्नि 5 29400 किलोमीटर कि प्रति घंटा की रफ्तार से दुश्मन पर हमला करती है. इसमें रिंग लेजर गाइडेड, इनेर्शियल नेवीगेशन सिस्टम, जीपीएस सैटेलाइट गाइडेड सिस्टम लगा हुआ है. अग्नि 5 टारगेट पर सटीकता से हमला करता है. अगर टारगेट अपनी जगह से हटकर 10 से 80 मीटर दूर भी चला जाता है, तब भी इस मिसाइल से बचना नामुमकिन है. इस मिसाइल को DRDO और डायनामिक ग्रुप लिमिटेड ने मिलकर बनाया है. अग्नि 5 का पहला सफल प्ररिक्षण 19 अप्रैल 2012 में हुआ था. इसके बाद अग्नि 5 का आधा दर्जन से अधिक का सफल परिक्षण हो चुके हैं. इन प्ररिक्षण में मिसाइल को विभिन्न अलग-अलग मार्गो पर जाँच किया गया हैं, जिसमें पता चला हैं कि दुश्मन को बर्बाद करने के लिए एक बेहतरीन हथियार है. भारत के इस मिसाइल कि ताकत का अंदाजा चीन को पहले से ही हो गया था. शायद यही वजह है मालदीव में चीन ने अपने जासूसी जहाज की तैनाती के बाद उसने सियांग यांग जासूसी जहाज को बंगाल की खाड़ी में भेजा, ताकि इस मिसाल से जुड़ी जानकारी इकट्ठा कर सके.