Lok Sabha चुनाव से पहले GDP पर फंस गई Modi सरकार ! अंदर के आदमी ने फंसाया…
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले एक बार फिर मोदी सरकार सवालों के घेरे में फस्ती हुई नजर आ रही है. पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने जीडीपी के जारी ताजा आंकड़े पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है, यह आंकड़ा बिल्कुल रहस्यमय है और इन आंकड़ों को समझ पाना काफी मुश्किल है.
एक टीवी इंटरव्यू के दौरान जीडीपी पे जवाब देते हुए अरविंद सुब्रमण्यम ने कहा कि मैं नवीनतम जीडीपी के आंकड़े को समझ नहीं सकता. यह आंकड़े रहस्यमय है और आपस में मिल नहीं खाते हैं. उन्होंने एक उदाहरण देते हुए इसे समझने की कोशिश की अरविंद सुब्रमण्यम ने कहा कि सरकार द्वारा मुद्रा फिसदी कि दर 1 से 1.5 फ़ीसदी है, जबकि अर्थव्यवस्था में वास्तविक महंगाई दर 3 से 5 फ़ीसदी के बीच में है.
जहां अर्थव्यवस्था 7.5% की दर से बढ़ रही है. वहीं निजी खपत 3% दर से घट रही है.उन्होंने आगे कहा कि नवीनतम आंकड़ों में त्रुटियां और चूक हैं, जिनके हिसाब नहीं दिया गया है. वास्तव में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अनुमानित 7.6% की वृद्धि दर से लगभग 4.3% अंक जितनी है.
पूर्व आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने कहा कि ऐसा नहीं है, ये सिर्फ भारत का FDI नीचे स्तर आ रहा है. बल्कि उभरते बाजारों में जाने वाले वैश्विक FDI में भारत की हिस्सेदारी भी कम हो गई है. ऐसे में सवाल यह है कि अगर भारत निवेशक के लिए इतना आकर्षक देश बन गया है, तो अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश क्यों नहीं आ रहा है? कॉर्पोरेट निवेश भी 2016 के स्तर से काफी नीचे है. साथ हि आपको बता दे अरविंद सुब्रमण्यम ने अक्टूबर 2014 से जून 2018 तक देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में काम किया था. ऐसे समय में सुब्रमण्यम का मीडिया में जीडीपी को लेकर अपनी बात रखी इससे विपक्ष को सरकार के खिलाफ सवाल खड़ा करने का एक और मिल गया. देखना यह है विपक्ष इस मुद्दे को कैसे सरकार के खिलाफ हमलावर होती है.