ब्रेकिंग न्यूज़ : JNU में लेफ्ट की बड़ी जीत हुईं , चारों सीटों पर ABVP हारी | JNU इलेक्शन रिजल्ट अपडेट…
JNUSU Elections 2024: देश कि राजधानी दिल्ली के सबसे प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के छात्र संघ चुनाव में प्रेसिडेंड और वाइस प्रेसिडेंट के पोस्ट पर लेफ्ट के उम्मीदवार ने जीत दर्ज़ कि है. लेफ्ट के उम्मीदवार धनंजय को प्रेसिडेंट पोस्ट पर और अविजीत घोष को वाइस प्रेसिडेंट सीट पर बड़ी जीत देखने को मिली है. आपको बता दें कि शुरुआती चुनाव गिनती के रुझानों में चारों सीट पर ABVP आगे चल रही थी, लेकिन कुछ देर बाद आखिरी रुझान में लेफ्ट ने वापसी कर ली, और ABVP को पीछे छोड़ा.
JNU में लेफ्ट की बड़ी जीत देखने को मिली है, चारों सीटों पर ABVP की करारी हार हुईं. कांटे के मुकाबले के बाद लेफ्ट ने ABVP को चुनाव मे हराया. JNU से ABVP का चुनाव मे सूपड़ा साफ हो गया है.
आपको बता दें, JNU छात्र संघ के अध्यक्ष पद के लिए लेफ्ट के उम्मीदवार धनंजय को कुल 2598 वोट मिले तो वहीं, ABVP के उम्मीदवार उमेश चंद्र अजमीरा के हिस्से में 1686 मत मिले . इसके अलावा, वाइस प्रेसिडेंट पद के लिए लेफ्ट के उम्मीदवार को बड़े अंतर से जीत हुईं है. अविजीत घोष को 2409 वोट मिले और ABVP के उम्मीदवार दीपिका शर्मा को 1482 वोट मिले.
कौन हैं JNU संघ के नए अध्यक्ष धनंजय?
अध्यक्ष पद के लिए लेफ्ट के विजेता रहे उम्मीदवार धनंजय स्कूल ऑफ आर्ट्स एंड एस्थेटिक्स से पीएचडी के स्टूडेंट हैं. धनंजय बिहार मे गया जिले के रहने वाले हैं और वे दलित समुदाय से आते हैं. उनके पिता एक रिटायर्ड पुलिसकर्मी हैं. करीब 27 साल बाद JNU छात्र संघ के अध्यक्ष पद पर एक दलित समुदाय के उम्मीदवार को जीत मिली है. इससे पहले बत्ती लाल बैरवा ने 1996-67 में जीत दर्ज की थी.
इन 2 सीटों पर भी लेफ्ट ने जीत हासिल कि…
छात्र संघ चुनाव में जनरल सेक्रेटरी की सीट पर खड़े हुए अर्जुन आनंद (ABVP) को कुल 1961 मत मिले हैं. वहीं, प्रियांशी आर्य ने 2887 वोट पाकर जीत दर्ज़ की और अपने सामने ABVP के उम्मीदवार को हराया. प्रियांशी (BAPSA, लेफ्ट का समर्थन) उमीदवार हैं. वहीं, जॉइंट सेक्रेटरी पद के लिए चुनाव लड़ रहे गोविंद डांगी (ABVP) को 2066 मत मिले हैं, जबकि मोहम्मद साजिद को (लेफ्ट) ने कुल 2575 वोट हासिल कर जीत दर्ज़ कर पायी है. एक समय ऐसा था जब लेफ्ट के प्रत्याशी ABVP के उम्मीदवार से कई वोटों से पीछे चल रहे थे, अचानक रात होते-होते रुझान साफ हुए तो ABVP के प्रत्याशी रेस में पिछड़ गए.