CAA बंगाल और केरेला राज्य में नहीं होने देंगे लागू, CAA को लेकर ममता हुई हमलावर, बंगाल और केरल में CAA का विरोध .
CAA पर विपक्षी दलों की सियासत तेज. बंगाल और केरल में CAA का विरोध. ममता बनर्जी ने कहा-मैं बंगाल में CAA लागू नहीं होने दूंगी. ममता बनर्जी ने और आगे कहा सरकार धर्म को बाटती है, और मैं बंगाल में धर्म को बांटने नहीं दूंगी. केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा – CAA को राज्य में लागू नहीं होने देंगे. हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा – CAA विभाजनकारी और गोडसे की सोच पर बनाई गई हैं.
जब सरकार कानून लेकर आ रही थी तो देश के अलग-अलग सबसे ज्यादा लंबे समय तक विरोध प्रदर्शन रहा उनमें से एक साइन बाग है. यहां पर का को लेकर CAA को लेकर सबसे लंबा विरोध प्रदर्शन रहा, उस वक्त शाहीन बाग विरोध प्रदर्शन में सक्रिय रही कनिज़ फातिमा ने क्या कहा? आगे –
दिग्विजय सिंह ने मीडिया वालों से बातचीत के दौरान CAA पर प्रतिक्रिया दि – CAA को लेकर इतनी जल्दी क्या थी, विलंब किया तो चुनाव के बाद क्या दिक्कत थी. बीजेपी वालों का एकमात्र उद्देश्य होता है. हर मुद्दे को हिंदू मुसलमान के बीच बांटो, धर्म के आधार पर यह तय किया जाएगा कौन नागरिक बन सकता है कौन नहीं बन सकता है. मेरे मत में यह भारतीय संविधान के खिलाफ है.
मुंबई से संजय रावत ने कहा – जब तक चुनाव है, ये CAA – CAA खेलेंगे इन्हे खेलने दिया जाये. लागू होने दो हम बाद में देख लेंगे. लद्दाख में चीन घुस गया उन्हें बाहर नहीं निकाला गया. यह सरकार की बस ड्रामेबाजी है और कुछ नहीं इनको बस हिंदू मुस्लिम करके आपस में लड़वाने का काम करना है. देश की तरक्की के लिए ये कुछ नहीं करते हैं. युवा बेरोजगार है. महंगाई अपने चरम सीमा पर है. गैस पेट्रोल के दाम आसमान छू रहे हैं. लोगों के पास नौकरियां नहीं है घर चलाने को पैसा नहीं है. सरकार को यह सब सारी दिक्कते नहीं दिखती हैं.
कनीज फातिमा ने मीडिया से बात चित के जरिये कहा – यह कानून बस डरने को लेकर आई है सरकार, कनिज़ फातिमा ने CAA को electoral Bond मामले के साथ जोड़ कर बोली. ये बस जनता को भड़काने के लिए चुनाव से पहले लाया गया है. ताकि सरकार की सच्चाई CAA को लेकर दब जाए, किसी को कोई नागिराकता नहीं मिलने वाली, हमारे देश में पहले से ही जो बेरोजगार हैं, सरकार पहले उन्हें रोजगार दे. जो यहां पहले से बेघर हैं उन्हें घर दे. क्या सरकार इन सब कामों पर कार्य करेगी. CAA सरकार की बस एक भड़काने की मुद्दा है और कुछ नहीं हैं.