ED CBI के बाद FUI कि हुई एंट्री.
लोकसभा चुनाव में महज कुछ ही समय का वक्त बचा है,ऐसे में अब CBI और ED के बाद एक और केंद्रीय एजेंसी हरकत में आई है. केंद्र सरकार की एजेंसी वित्तीय खुफिया इकाई यानि FUI जिसमें 600 से ज्यादा अफसर तैनात हैं.यह लोग लोकसभा चुनाव से पहले कोऑपरेटिव बैंक में लेनदेन पर नजर रख रहे हैं.यह टीम चुनाव में काले धन के इस्तेमाल को रोकने के लिए राजनीतिक हस्तियों और उनसे जुड़े लोगों के खातों पर नजर रख रही है.
एजेंसी ने हाल ही में पांच राज्यों में हो चुके विधानसभा चुनाव के दौरान ऐसे 12 कोऑपरेटिव बैंकों की पहचान की है. जो लेनदेन की रिपोर्ट करने में विफल रही है.एक रिपोर्ट के मुताबिक FUI ने इस बार इनकम टैक्स, ईडी, कस्टम राजस्व खुफिया निदेशालय यानि कि DRI और अन्य परिवर्तन कि 600 अधिकारियों की टीम बनाई हैं, जो इस ऑपरेशन को अंजाम दे रही हैं.
मामले से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि एजेंसी उन सहकारी बैंकों को कारण बताओं नोटिस जारी कर रही है. जो पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान भारी मात्रा में कैश में हुए लेनदेन को रिपोर्ट करने मे विफल रहे हैं.
FUI क्या हैं?
आपको बता दे कि FUI यानि कि फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट, वित्तीय खुफिया इकाई केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अधीन आने वाली एक खुफिया राष्ट्रीय एजेंसी है.जिसका मुख्य कार्य संदिग्ध लेनदेन, बड़े पैमाने पर हुए नगद निकासी पर रिपोर्ट प्राप्त करना और उसका विश्लेषण करना जरूरी पड़ने पर उसे अन्य खुफिया और प्रवर्तन एजेंसियों से साझा करना है.
FUI रिपोर्टिंग संस्थाओं से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर राष्ट्रीय स्तर पर डेटा बेस भी स्थापित करता है, और मनी लॉन्ड्रिंग और उससे जुड़े अपराधों से निपटने के लिए एक प्रभावी राष्ट्रीय, क्षेत्रीय औरवैश्विक नेटवर्क के माध्यम से वित्तीय खुफिया जानकारी का संग्रह और साझाकरण का काम करता है. इसके अलावा मनी लांड्रिंग के ट्रेंड और टाइपोलॉजी पर रिसर्च और एनालिसिस भी करता है.