लोकसभा इलेक्शन 2024: कांग्रेस पार्टी से पप्पू यादव और प्रवेश मिश्रा तो BJP से ये नेता कर सकते हैं पार्टी में बगावत, निर्दलीय ठोंक सकते हैं अपना ताल!
लोकसभा इलेक्शन 2024: आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर देश कि बिहार राज्य का सियासी पारा काफी ऊपर चढ़ा हुआ दिख रहा है. इंडिया महागठबंधन को साथ में लेकर बिहार में लीड कर रहे राजद अध्यक्ष लालू यादव ने लोकसभा सीटों का बंटवारा कुछ इस तरह से किया है, कि तमाम कांग्रेसी पार्टी के नेता बेटिकट हो गए. पूर्णिया सीट पप्पू यादव, बेगूसराय सीट से कांग्रेस के कन्हैया कुमार, मुजफ्फरपुर से आकाश सिंह और औरंगाबाद सीट से निखिल कुमार का चुनाव लड़ने वाला सपना अब चकनाचूर हो गया है. इस बार लोकसभा चुनाव में टिकट तो एनडीए खेमे से भी कई सांसदों का कटा है. इनमें बक्सर से भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे, मुजफ्फरपुर से बीजेपी सांसद अजय निषाद, सासाराम से भाजपा सांसद छेदी पासवान, शिवहर से बीजेपी सांसद रमा देवी, नवादा से रालोजपा सांसद चंदन सिंह, काराकाट सीट से जेडीयू सांसद महाबली सिंह, गया सीट से जेडीयू सांसद विजय मांझी, सीतामढ़ी सीट से जेडीयू सांसद सुनील कुमार पिंटू और सीवान सीट से जेडीयू सांसद कविता सिंह के अलावा समस्तीपुर सीट से रालोजपा के प्रिंस राज पासवान, हाजीपुर से रालोजपा के पशुपति पारस और खगड़िया सीट से सांसद महबूब अली कैसर इन सभी सांसदों का नाम शामिल है. चर्चा यह भी है कि इनमें से कई लोग अब अपनी-अपनी पार्टी से बहोत खुश नहीं हैं और आने वाले दिनों में ये सारे नेता बड़ा फैसला ले सकते हैं.
कांग्रेस पार्टी नेता पप्पू यादव तो पूर्णिया लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की ख्वाहिश लेकर ही कांग्रेस पार्टी में शामिल थे, और हाल ही में पप्पू यादव अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय किया था. उन्हें पूरी उम्मीद थी कि इंडिया महागठबंधन से पूर्णिया से प्रत्याशी वही चुने जायेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ. लालू यादव ने उनके साथ बिहार खेला कर दिया और पूर्णिया लोकसभा सीट से बीमा भारती को टिकट दे दिया. बीमा भारती भी टिकट के लालच में ही नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड पार्टी छोड़कर राजद में आई थीं. बेगूसराय में सीपीआई पार्टी ने अपना उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारकर कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार के सपनों पर पूरी तरह से पानी फेर दिया. बेगूसराय सीट से कन्हैया कुमार चुनाव लड़ने का सपना देख रहे थे, और जो 2019 में नहीं कर पाए वह करने का ख्वाब संजोये हुए थे. पूर्व राज्यपाल और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता निखिल कुमार एक बार फिर से सक्रिय राजनीति में हाथ आजमाना चाहते थे और औरंगाबाद लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे. मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट से आकाश सिंह और वाल्मिकी नगरसीट से प्रवेश कुमार मिश्रा भी कुछ इसी तरह की अपनी इच्छा रख रहे थे. लेकिन महागठबंधन इन सभी नेताओं को निराशा हि हाथ लगी.