Russia Ukraine war | रूस ईरान को भेज रहा है खतरनाक हथियार, ईरान से इसराइल को सताया डर…

Russia Ukraine war | रूस ईरान को भेज रहा है खतरनाक हथियार, ईरान से इसराइल को सताया डर…

Russia Ukraine war | रूस ईरान को भेज रहा है खतरनाक हथियार, ईरान से इसराइल को सताया डर…

 एक तरफ जहां रूस यूक्रेन की युद्ध से अंतरराष्ट्रीय बिरादरी में रूस पर कई बड़े प्रतिबंध लगाए थे, जिनका मकसद रूस को हर मोर्चे पर कमजोर करना था, जिससे यूक्रेन से अपनी सेना वापस बुला ले,और कहीं ना कहीं ऐसा हुआ भी यूक्रेन में रूस की सेना की पसीने छूटने लगे. जंग के मैदान में रूस के हजारों सैनिक मारे गए. कई बार ऐसी खबरें आई कि रूस के पास युद्ध में लड़ने के लिए हथियारों की कमी हो गई है.
 लेकिन इसी बीच पर्दे के पीछे रूस और ईरान की दोस्ती चरम पर थी.ईरान अपने मित्र देश रूस को हजारों लड़ाकू ड्रोन सप्लाई करता रहा,जिनका इस्तेमाल रूस ने यूक्रेन में किया. हालांकि ईरान ने रूस को ड्रोन सप्लाई की बात कभी स्वीकारी ही नहीं लेकिन यूक्रेन में जब इन ड्रोन का मलबा मिला तो पूरी कहानी सामने आ गई.
 अब इन्हीं ड्रोन्स के बदले रूस ईरान को बड़ा इनाम देने जा रहा है और वो है सुखोई 35 फाइटर जेट. ईरान ऐसे फाइटर जेट के लिए 50 सालों से तरस रहा था, जो अब उसे रूस देने जा रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक सुखोई 35 फाइटर जेट प्लेन ईरान को अगले हफ्ते रूस से मिल सकता है.सुखोई 35 फाइटर जेट चौथी पीढ़ी का लड़ाकू विमान है,इस फाइटर जेट को आसमान का गिद्ध भी कहा जाता है जो हवा में अपने दुश्मन का पल भर में सफाया कर देता है.
 बताया जा रहा है ईरान ने विमान को सुपर फ़्लैगर का नाम दिया है. ईरान के लिए यह फाइटर जेट किसी संजीवनी से काम नहीं है, ईरान की सेना पिछले 50 सालों से अत्याधुनिक विमान के लिए तरस रहा था. ईरान ने पिछले 33 सालों से कोई भी फाइटर जेट आयात नहीं किया.47 साल पहले अमेरिका से F-14A Tomcats मिले थे. साल 1976 में ईरान और अमेरिका के बीच इस विमान के लिए समझौता हुआ था.ईरान को साल 1979 में इस्लामी क्रांति से पहले 79 विमान मिले थे. इस्लामी क्रांति के बाद अमेरिका और ईरान के बीच संबंध खराब हुई, जो अब तक नहीं सुधरे हैं.
 प्रतिबंधों के बाद ईरान विमान को अभी भी उड़ने में असफल रहा है. हालांकि इसके बाद 1990 में ईरान ने सोवियत संघ खरीदे Mig-29 A फाइटर जेट्स लेकिन वो अमेरिका के विमान के आगे टिक नहीं पाए. इसी वजह से ईरान ने सोवियत संघ से ज्यादा मात्रा में इस विमान को नहीं खरीदा था. लेकिन ईरान लंबे समय से रूस से सुखोई 35 विमान मांग रहा था. लेकिन जब रूस यूक्रेन युद्ध में कमजोर पड़ा तो उसने ईरान के ड्रोन से कीव में कहर बरसा दिया और इसके बदले में रूस ने ईरान को सुखोई 35 विमान देने जा रहा है. माना जा रहा है इस विमान की मदद से ईरान सीरिया में इजरायल के खिलाफ कर सकता है क्योंकि सीरिया में ईरान और इजरायल एक दूसरे के खिलाफ इनडायरेक्ट जंग लड़ रहे हैं.

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