Russia Ukraine War : पुतिन ने क्यों दी नाटो कंट्रीज को परमाणु बम की धमकी | यूक्रेन वार |नाटो कंट्रीज !
पाकिस्तान एक ऐसा मुल्क है जो परमाणु संपन्न भी है और गैर जिम्मेदार भी हालांकि इन दिनों अमेरिका रूस के राष्ट्रपति पुतिन पर भी ऐसा ही आरोप लगा रहा है, दरअसल पुतिन ने अमेरिका सहित उसके सहयोगी देशों को फिर से परमाणु धमकी दी है. भारत का पक्ष हमेशा से ही यही रहा है कि दुनिया परमाणु धमकी से नहीं बल्कि नियम कायदे कानून और शांति से चलती है, और शांति से ही चलनी चाहिए. लेकिन बीच-बीच में परमाणु बम की धमकी दुनिया को हिरोशिमा और नाकासाकी की याद दिलाने लगी है.
अब पुतिन को फिर से परमाणु धमकी क्यों देनी पड़ी !
पूरी खबर –
थाईलैंड के चोन-बुरी सीमा पर अमेरिका साउथ कोरिया और थाईलैंड की सेना युद्ध अभ्यास कर रही है.थाईलैंड के जिस चोन-बुरी प्रांत में यह सब हो रहा है, वहां से रूस की सीमा करीब 5000 किलोमीटर दूर है.रूस के राष्ट्रपति पुतिन थाईलैंड के युद्ध अभ्यास को देखकर जरूर परेशान होंगे ठीक उसी तरह, जिस तरह अमेरिका और नाटो देश पुतिन के परमाणु धमकी से परेशान है.
पुतिन पहले भी कई बार अमेरिका और ब्रिटेन को परमाणु बम की धमकी दे चुके हैं लेकिन नहीं धमकी उन्हें क्यों देनी पड़ी. पुतिन की परमाणु बम की नई धमकी तब आया, जब फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने यूक्रेन के जमीन पर सेना भेजने की बात कही थी.
पुतिन ने इसी का जवाब देते हुए कहा था, अगर नाटो की सेना यूक्रेन की धरती पर उतरी तो पश्चिमी देशों को परमाणु हमले के लिए तैयार रहना होगा. वर्ल्ड ऑर्डर में वर्चस्व के ही तो दौड़ है. रूस और अमेरिका 1950 के दशक से ही आपस में टकराते आ रहे हैं. लेकिन बीते दो सालों से दोनों देशों के बीच तनाव की सबसे बड़ी वजह यूक्रेन है. यूक्रेन और रूस के बीच पिछले दो साल से जंग चल रहे हैं. जंग में यूक्रेन को अमेरिका सहित नाटो कंट्रीज ने हथियारों से बड़ी मदद दी.लेकिन पिछले कुछ महीनो से जरूरत के हिसाब से मदद नहीं दी जा रही है.यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेस्की ने कई बार कह चुके है कि,पश्चिमी देश जितनी बात करते हैं उतनी मदद नहीं करते हैं. जैसे ही फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने सेना भेजने की बात कही, पुतिन ने परमाणु धमकी देकर नाटो कंट्रीज को खामोश कर दिया.
पुतिन के नई परमाणु धमकी पर अमेरिका का नया बयान भी आया है, पुतिन चाहते हैं जब तक यूक्रेन में उनका मकसद पूरा नहीं हो जाता जंग जारी रहेगी. पुतिन का मकसद ये है,यूक्रेन कभी भी नाटो में शामिल न हो और यूक्रेन में रशियन भाषा बोलने वाले जिन इलाकों को रूस ने अपने देश मे मिला लिया है,उसे यूक्रेन और बाकी देश भी मान्यता दे.